इथुन दुर जाताना
कविता : सवाल है
कविता : साथ
जय शिवराय
तिरंगा
घे तिरंगा हाती नभी लहरूदे उंचच उंच जय हिंद,जय भारत हा जयघोषआज गर्जु दे आसमंत…. उत्सव तीन रंगांचा,आभाळी आज सजला,नतमस्तक मी त्या सर्वांसाठी,ज्यांनी भारत देश...
अपने
जो अपने से पहले अपनों के लिए सोचतेहैं वही अपने होते हैं।अपने वो नहीं होते जो मुश्किलों में सलहा देते हैबल्कि अपने वो होते हैं...