देवरी में चाकलेट, कोल्डड्रिंक बनी जीवनावश्यक वस्तु..!

नगरपंचायत प्रशासन का अफलातूनी फैसला

प्रमोद महोबिया / प्रहार टाईम्स


देवरी ७- प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी उछाल के चलते महाराष्ट्र सरकार द्वारा ६ अप्रैल से राज्य भर में लागू मिनी लाॅकडाउन के पहले दिन ही देवरी के नगरपंचायत प्रशासन द्वारा शहर में कौन कौन सी वस्तु जीवनावश्यक हैं और कौन सी वस्तु जीवनावश्यक नहीं है इसपर विचित्र और हास्यास्पद फैसला लिया गया।


कोल्ड्रिंक्स, चाकलेट, चिप्स सहित कन्फेक्सनरी जैसे वस्तुओं को जीवनावश्यक वस्तु की श्रेणी में रखकर इलेक्ट्रिकल,आॅप्टिकल , हार्डवेयर और स्कूल स्टेशनरी जैसे वस्तुओं को बेचने वाली दुकानों को बंद करवाया गया।
अप्रैल की पहली तारीख से ही शहर में गर्मी ने तेवर बढ़ा दिए हैं इसके अलावा अप्रैल के आखिरी हफ्ते में १०वी-१२वी की वार्षिक परीक्षा होगी ऐसे में कूलर, पंखों, शैक्षणिक साहित्य की बजाय चाकलेट, चिप्स और कोल्डड्रिंक को नगरपंचायत प्रशासन द्वारा जीवनावश्यक वस्तुओं कि श्रेणी में रखना ना सिर्फ हास्यास्पद है बल्कि नगर पंचायत प्रशासन की तार्किक क्षमता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।

चाॅकलेट, बिस्कुट कि आड़ में अतिआवश्यक वस्तुओं कि सूची से बाहर की वस्तुओं कि बिक्री

शहर के व्यापारियों ने मिनी लाॅकडाउन के बाद भी अपनी दूकानदारी शुरू रखने के लिए एक से बढ़कर एक जुगाड़ बना लिया है।
दूकानों के आगे चाॅकलेट, बिस्कुट के चंद डिब्बे रखकर अपनी दूकान को जीवनावश्यक वस्तुओं कि दूकान बनाकर प्रशासन को उल्लू बनाकर अपना कारोबार चला रहे हैं।
ऐसे में कपड़ा,बर्तन, हार्डवेयर जैसी वस्तुओं कि बिक्री करने वाले व्यापारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

किराना दुकानों/सार्वजनिक स्थानों में जमकर भीड़

मिनी लाकडाउन के पहले दिन से ही शहर की सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, किराना दुकानो में जमकर भीड़भाड़ नज़र आ रही है।
कागजों में भले ही जिले में धारा १४४ लगी है लेकिन प्रत्यक्ष में दूकानों, सब्जी मंडी,सड़कों पर
लोगों के झुंड के झुंड नज़र आ रहा है।
इस संबंध में देवरी नगरपंचायत के मुख्यधिकारी से पुछताछ के लिए संपर्क के प्रयास का कोई प्रतिसाद नहीं मिल सका।

दूकानों के भीतर जमा हो रही है भीड़

अप्रैल महिना शादी ब्याह का महिना होता है और जनविरोध के बावजूद मिनी लाॅकडाउन के चलते व्यवसाई ग्राहकों को अपनी अपनी दूकानों के भीतर घुसा कर शटर बंद कर व्यापार कर रहे हैं, ऐसे में शहर में कोरोना संक्रमण के और तेजी से फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
कोरोना संक्रमण को रोकने की उपाय योजना के नाम पर “ब्रेक द चैन” के नाम पर जारी ये कवायद कोरोनावायरस को फैलने से रोकेंगे या और बढ़ाएंगे ये सवाल भी यहां उठ गया है।

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