मुसीबत में लोगोंको राह दिखाने वाला आज खुद कोरोना पॉजिटिव
कवर स्टोरी । प्रहार टाईम्स शब्दांकन@डॉ.सुजित टेटे
ये कहानी है आदिवासी और नक्सल प्रभावित इलाकों में अपने सामाजिक कार्योसे लोगों के दिल में अपनी एक अलग जगह और पहचान बनाने वाले इंसान की, जो दौड़ पड़ता है लोगों के हर सुख और हर दुख में।
हर मुसीबत में फसे इंसान की जरूरत का हिस्सा बनना मानो उसकी आदतसी बन गई है।
“इस हम तुम की दुनिया में,
कोन किसका होता है,
अंधेरे सुनसान रास्तों पर,
एक जुगनू जरूर होता है। “
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के सीमा पर देवरी यह एक छोटासा पिछड़ा हुआ तहसील है। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में से देवरी एक जगह है। राष्ट्रीय महामार्ग ६ यहां से जाता है और दिन भरमे हजारों गाडियां, ट्रक यही से होके गुजरते हैं।
कड़ी सर्दीमें कोई इंसान ठिठुर रहा हो तो ये इंसान उसको ब्लैंकेट ओढ़ देता हैं । कभी भूखे लोगोको खाना खिला देता हैं। किसीको देर रात मदद करने पहुंच जाता है तो किसी दुर्घटना में फसे इंसानोको बचाते नजर आता हैं। अपने नेक कामों से कही इंसान अपनी अलग मिसाल बनाते हैं। ऐसे लोग इस दुनिया में बहुत ही कम नजर आते हैं।
ऐसे ही लोगों के दिल में अपनी जगह बनाने वाला इंसान है ‘जुगनू भाटिया’.
जुगनू भाटिया ये देवरी में सुख सागर नामक होटल के मालिक हैं। बचपन से ही लोगोकी मदद करने की प्रेरणा उन्हें उनके पिताजी और परिवार से मिली।
उसीके चलते वे लोगों की मदद करने में जुड़े रहते है।
मार्च २०२० में देश में कोरोना विषाणु के प्रकोप से लॉकडाउन किया गया। पूरे देश में सड़क, रास्ते , रेल्वे, हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थी। ऐसे समय में सब अपने घरों में बैठे थे ये इंसान भूखे लोगों को खाना खिला था , पैदल चलने वाले भूखे प्यासे लोगों को हर समय मदद करते नजर आता था।
गावों खलियालो में जहा जिसे जैसी मदद लगे ये बड़ा दिन भर इसी काम में व्यस्त रहता था। जहा लोग अपनी जान बचाने के लिए स्थानांतर कर रहे थे ये बंदा अपनी जान खतरे में डाल के उनकी हर तरह की मदद करता था।
लॉकडाउन के समय जब एक राज्य से दूसरी राज्य में जाने गरीब लाचार मजदूर महाराष्ट्र के देवरी सीमा पर आते थे तब ये बंदा खालसा सेवा संघ के माध्यम से इन लाचार मजदूर , महिला बच्चों को हर प्रकार की मदद करते नजर आता था l ऐसा इंसान हर किसके दिल अपनी छाप छोड़ कर जाता है।
ऐसे ही समय बीतते गया अब कुछ अब सामान्य सा होने जा रहा था इसी बीच महाराष्ट्र में फिरसे कोरोना ने अपनी दस्तक दी।
फिर से लॉकडाउन और करोना का नया रूप भीषण रूप लेते नजर आ रहा है , कही ऑक्सीजन की कमी तो कही अस्पतालों में बेड की कमी इस बीच भी लोगों को मदद करने में जुगनू ने कोई कमी नहीं छोड़ी।
मदद करने वाला इंसान आज खुद विषाणु का शिकार होके करोना से लड़ रहा हैं। इस हालत में भी लोगों की मदद करने तरस रहा हैं। उसे इस बात का दुःख हो रहा है कि वो किसिकी मदद नाही कर पा रहा है । उसका इलाज घर में ही मुंबई के डॉ. सारंग क्षिरसागर के सलाह से चल रही है और वो अभी खुद को ठीक महसूस कर रहा है।
ऐसे इंसान की जल्दी ठीक होने की दुवाएं मित्र परिवार, परिवार के सदस्य और सभी शुभचिंतक कर रहे हैं।
जुगनू पाजी जल्दी ठीक हो जाए और तंदुरुस्त होकर लोगों की मदद करने जल्दी आए। ऐसी दुवा करते हैं।
तू रुकेना कभी , तू थकेना कभी,
तेरे हौसले हो इतने बुलंद की,
कोई परेशानी की ताकत ना हो,
की वो तुम्हे छुए ना कभी।
ऐसे इंसान के कर्मों को प्रहार टाईम्स का सलाम।