सोशल मीडिया गाइडलाइन्स, नई गाइडलाइंस के दायरे में फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्‍स और नेटफ्लिकस, ऐमजॉन प्राइम, हॉटस्‍टार जैसे ओटीटी प्‍लेटफॉर्म्‍स आएंगे

केंद्र सरकार ने OTT, न्यूज पोर्टल और सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस का ऐलान कर दिया है जानिए एडवोकेट अंकिता रा. जयसवाल, सिविल & क्रिमिनल कोर्ट वरूड, जिल्हा अमरावती के साथ क्या है वो गाइडलाइंस…….?

केन्द्र सरकार ने डिजिटल मीडिया और ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. इन गाइडलाइंस को इंटरमीडिएरी इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code)रूल्स 2021 नाम दिया गया है और इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा.

ओटीटी और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दुरुपयोग को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इस पर नई गाइडलाइंस जारी की है. केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं. इसलिए इसके दुरुपयोग को रोकना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के लिए जो कानून बना है उसे तीन महीने में लागू कर दिया जाएगा और तीन स्तरों पर इसकी निगरानी की जाएगी. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में व्यापार करने के लिए सोशल मीडिया का स्वागत है, लेकिन सोशल मीडिया में ऐसे ऐसे प्रेजेंटेशन आ रहे हैं, जो किसी भी तरह से सभ्य नहीं कहे जा सकते हैं, ऐसी शिकायतें हमारे पास बहुत आई थीं.

रविशंकर ने कहा कि सोशल मीडिया यूजर्स की समस्या के लिए फोरम होना चाहिए. सोशल मीडिया का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल आतंकी भी कर रहे हैं. सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल की कई सालों से शिकायतें आ रही हैं, फेक न्यूज की ये हालत है कि कई न्यूज चैनल को फैक्ट चेक सेल बनाना होगा. 

1614274077871705-1

सोशल मीडिया के लिए नए नियम 

1. नई गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल मीडिया को एक शिकायत सेल बनाना होगा।

2. कोई कंटेंट हटाने से पहले उसका कारण बताना जरूरी होगा

3. शिकायत करने पर आपत्तिजनक पोस्ट को 24 घंटे में हटाना होगा

4. हर महीने शिकायत पर कार्रवाई की जानकारी देनी होगी

5. सोशल मीडिया के ये नियम तीन महीने के अंदर लागू होंगे 

6. चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी, जो कि नियमों के कप्लांयस को लेकर जिम्मेदार होगा।

7. एक नोडल कॉन्टैक्ट परसन की भी नियुक्ति करनी होगी, जो 24X7 लॉ इनफोर्समेंट एजेंसियों से तालमेल बैठाकर रखेगा

8. नियुक्त किए गए ये दोनों अधिकारी भारत में रहने वाले होंगे 

9. रेजिडेंट ग्रीफांस अधिकारी की भी नियुक्ति करनी होगी 

10. सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी देनी होगी।

11.हमारी मीडिया ने व्यापक मशविरा किया है. शिकायतकर्ता ऑफिसर को रखना होगा और 15 दिन में उसका निपटारा होना चाहिए!

12.कंपनियों को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी

13.नियम के पालन पर हर महीने रिपोर्ट देनी होगी

14. जिसने सबसे पहले आपत्तिनजक पोस्ट डाली, उसकी पहचान बतानी होगी. यानी, जहां से गलत पोस्ट हुआ उसके बारे बताना होगा.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अब सोशल मीडिया की तीन स्तरीय निगरानी होगी. एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर का नाम भी रखना होगा. ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा. कंपनियों को महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटों के अंदर हटाने होंगे. कंपनियों को नियमों का पालन करने पर हर महीने सरकार को रिपोर्ट देनी होगी. उन्होंने कहा कि जिसने सबसे पहले आपत्तिजनक पोस्ट डाली, उसके बारे में सरकार को बताना पड़ेगा. तीन महीनों के अंदर नियमों का पालन करना होगा.OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइन्स

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए अब एक नियम हो. हमें ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नियम बनाने को लेकर हर दिन सैकड़ों पत्र मिल रहे हैं. जावेड़कर ने कहा कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है। सोशल मीडिया के साथ साथ OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए भी गाइडलाइंस केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जारी की. उन्होंने बताया कि OTT कंपनियों से कहा गया था कि वो न्यूज मीडिया की तरह एक सेल्फ रेगुलेशन बनाएं, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकीं. जावडेकर ने कहा कि मीडिया की आजादी लोकतंत्र की आत्मा है, फिल्मों के लिए एक सेंसर बोर्ड होता है, लेकिन OTT के लिए ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है. इसलिए एक मैकेनिज्म तैयार होना चाहिए. डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को झूठ और अफवाह फैलाने का कोई हक नहीं है.  

1614274070518005-3

केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ओटीटी के बारे में कहा:

1)ओटीटी को नियमों का पालन करना होगा. सभी मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एक ही नियम लागू होंगे।

2)ओटीटी, डिजिटल मीडिया के लिए तीन स्तरीय निगरानी व्यवस्था होगी।

3)ओटीटी और वेबसाइट पर डिसक्लेमर देना होगा लेकिन रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं।

4)ओटीटी सेल्फ रेगुलेशन होगा, सुप्रीम कोर्ट या होईकोर्ट के के विशिष्ट व्यक्ति की अध्यक्षता में बॉडी बने ताकि वहां पर सुनवाई हो पाए।

5)इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल मीडिया को माफी करनी होगी प्रसारित।

6)सेंसर बोर्ड का एथिक्स कोड कॉमन रहेगा, मीडिया को जवाबदेही होना चाहिए, डिजिटल मीडिया पोर्टल को अफवाह या झूठ फैलाने का अधिकार नहीं है।

7)दर्शकों की उम्र के हिसाब से कंटेंट के वर्ग बनाए जाएंगे 

8)कंटेंट को 6 कैटेगरी में बांट दिया गया है. जिसमें U (यूनिवर्सल), U/A, U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+ और ए कैटेगरी होगी. 

१)ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग ही एडल्ट कैटेगरी का कंटेंट देख सकेंगे. २)U कैटेगरी के कंटेंट को सभी लोग देख सकेंगे. ३)वहीं U/A कैटेगरी उस कंटेंट को दी जाएगी, जिसके कुछ सीन्स बच्चों के लिए सही नहीं होंगे.

४)बच्चों के लिए U/A7+ और U/A13+ कैटेगरी तय की गई हैं. 

५)7+ कैटेगरी में हिंसा के सीन सिर्फ फैंटेसी या कॉमेडी के रूप में ही दिखाए जा सकते हैं. साथ ही इस कैटेगरी के कंटेंट में किसी तरह की नग्नता या शारीरिक शोषण से संबंधित सीन्स नहीं दिखाए जाएंगे. 

६)एडल्ट कैटेगरी में सख्त भाषा, नग्नता, हिंसक ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि इसमें क्रिमिनल लॉ का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. 

9) डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैरेंटल लॉक की सुविधा देनी होगी 

10) एथिक्स कोड टीवी, सिनेमा जैसा ही होगा 

11) OTT प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी 

12)फर्जी कंटेंट डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे ही लीगल अपडेट के लिए मेरे फेसबुक पेज लीगल अवेयरनेस टॉक बाय एडवोकेट अंकिता रा. जयसवाल को विजिट करें साथ ही न्याय का ज्ञान डॉट blogspot.com पर विजिट करें!

Share