WhatsApp की नई पॉलिसी में आखिर है क्या? क्या वॉट्सऐप आपकी प्राइवेट डीटेल्स को भी शेयर कर देगा?

WhatsApp ने सर्विस की शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी को किया अपडेट, सहमति नहीं देने पर डिलीट करना होगा अकाउंट? जमकर डाउनलोड हो रहा Signal मैसेंजर एप,क्या Whatsapp से है बेहतर? What’s app के बाद टेलीग्राम और सिग्नल ऐप को क्यों पसंद करते है लोग जानिए पूरे लेख में….. जानिए एडवोकेट अंकिता रा जायसवाल
सिविल &क्रिमिनल कोर्ट वरुड, अमरावती. के साथ…

दोस्तों सुबह से रात तक हम मोबाइल में दिन-रात व्हाट्सएप सबसे ज्यादा यूज कर रहे थे और व्हाट्सएप हमें हर बार नए नए फीचर्स भी दे रहा था, जैसे कि इंस्टेंट में ही व्हाट्सएप पर पेमेंट का भी ऑप्शन व्हाट्सएप में दिया लेकिन व्हाट्सएप में डाटा प्राइवेसी अब नहीं रखी है, इसी के डर से काफी लोग जो टेलीग्राम और सिगनल ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं। वैसे तो देखा जाए व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिगनल एप फ्री है अगर हम कंपेयर करे तो व्हाट्सएप पर अब पहले जैसी प्राइवेसी नहीं रही इसीलिए हर किसी को अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चिंता रहती है, उसी वजह से दुनिया भर में सभी लोग टेलीग्राम और सिगनल ऐप को ज्यादा पसंदी भी दे रहे हैं।

WhatsApp Vs SignalApp:

सबसे पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatApp के अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बाद से यूजर दूसरे अल्टरनेटिव्स की तरफ जा रहे हैं। यूजर Signal और Telegram जैसे दूसरे प्राइवेसी फोकस्ड इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप को अपना रहे हैं। लेकिन, मंगलवार शाम से WhatsApp ने भारतीय WhatsApp यूजर्स को अपनी टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अपडेट भेजना शुरू किया है. वॉट्सऐप ने यूजर्स को नई पॉलिसी को एक्सेप्ट करने के लिए 8 फरवरी 2021 तक का समय दिया है. तब तक पॉलिसी को यूजर्स को एक्सेप्ट करना होगा वरना अकाउंट डिलीट करना होगा. अभी यूजर्स के पास Not Now का ऑप्शन यहां यूजर्स को अपना अकाउंट जारी रखने के लिए नई पॉलिसी को एक्सेप्ट करना जरूरी होगा. इसके अलावा यूजर्स के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है. हालांकि, अभी नोटिफिकेशन में ‘नॉट नाउ’ का ऑप्शन दिखाई दे रहा है. मतलब नई पॉलिसी को कुछ समय के लिए एक्सेप्ट नहीं करने पर भी फिलहाल आपका अकाउंट चलता रहेगा. आपको बता दें यूजर्स को अपना अकाउंट जारी रखने के लिए नई पॉलिसी को एक्सेप्ट करना जरूरी होगा. इसके लिए कोई ऑप्शन यूजर्स को नहीं मिलेगा.

नई पॉलिसी में आखिर है क्या?

नई पॉलिसी में फेसबुक और इंस्टाग्राम का इंटीग्रेशन ज्यादा है और अब यूजर्स का पहले से ज्यादा डेटा फेसबुक के पास होगा. वॉट्सऐप का डेटा पहले भी फेसबुक के साथ शेयर किया जा रहा था. लेकिन, कंपनी ने साफ कर दिया है कि फेसबुक के साथ वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम का इंटीग्रेशन ज्यादा रहेगा. वॉट्सऐप की अपडेटेड पॉलिसी में कंपनी को दिए जा रहे लाइसेंस में कुछ बातें लिखी हैं. इसमें लिखा है कि हमारी सर्विसेज को ऑपरेट करने के लिए आप वॉट्सऐप को, जो कंटेंट आप अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, उनको यूज, रिप्रोड्यूस, डिस्ट्रीब्यूट और डिस्प्ले करने के लिए दुनियाभर में, नॉन-एक्सक्लूसिव, रॉयल्टी फ्री और ट्रांसफरेबल लाइसेंस देते हैं। दिन-ब-दिन साइबर क्राइम काफी बढ़ रहे हैं, हर दिन रोज खबरें आती है हर किसी ना किसी का फेसबुक अकाउंट हैक हो ही जाता है, अब जब व्हाट्सएप सारी हमारी पर्सनल डिटेल फेसबुक से शेयर करेगा तो हैकर्स को भी काफी चांस मिलेगा फेसबुक हैक करने के साथ-साथ व्हाट्सएप का भी डाटा वह हैक कर पाएंगे इसी डर के वजह से व्हाट्सएप यूजर बहुत नाराज है।
WhatsApp आपका फोन नंबर, बैंकिंग ट्रांजैक्शन डेटा, सर्विस-रिलेटेड इन्फॉर्मेशन, दूसरों से किस तरह इंटरेक्ट करते हैं ऐसी जानकारी, मोबाइल डिवाइस इन्फॉर्मेशन और आईपी एड्रेस. WhatsApp सर्विस और डेटा की प्रोसेसिंग. फेसबुक की कंपनियां और सर्विस WhatsApp के चैट को स्टोर कर सकते हैं.

किन कंपनियों के साथ शेयर होगी इंफोमेंशन?

WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी को यूजर्स को मानने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है. यूजर्स फेसबुक की दूसरी कंपनियों के साथ इन्फॉर्मेशन शेयर न किया जाए का विकल्प चुन सकते थे. कंपनी ने अपने FAQ में इन-हाउस कंपनियों के बीच डेटा शेयरिंग को लेकर डिटेल में जानकारी शेयर की है. फेसबुक की कंपनियों में फेसबुक पेमेंट्स, WhatsApp, इंस्टाग्राम, फेसबुक टेक्नोलॉजीज, ओनावो और क्राउड टेंगल जैसी कंपनियां शामिल हैं.

8 फरवरी आखिरी तारीख?

व्हाट्सऐप (WhatsApp) ने आधिकारिक तौर पर अपनी सर्विस की नई शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट कर दिया है. यूजर्स के पास मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके उस पर सहमति देने के लिए 8 फरवरी 2021 तक का समय है. जो लोग नई शर्तों पर सहमति नहीं देते हैं, उन्हें अपने अकाउंट्स को डिलीट करना होगा. मैसेज के मुताबिक, नए अपडेट में व्हाट्सऐप सर्विस और यह आपके डेटा को कैसे प्रोसेस करता है, इसके बारे में ज्यादा जानकारी है. नई प्राइवेसी पॉलिसी में यह भी दिया गया है कि व्हाट्सऐप फेसबुक के साथ कैसे काम करके कंपनी में इंटिग्रेशन ऑफर देता है. भारत में यूजर्स ने मैसेजिंग ऐप में जाकर नई पॉलिसी के पॉप अप को देखा होगा. यूजर्स के लिए व्हाट्सऐप मैसेज के आखिर में लिखा गया है, अगर आप AGREE पर टैप करते हैं, तो आप नई शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी पर सहमति देंगे, जो 8 फरवरी 2021 से लागू हैं. इस तारीख के बाद व्हाट्सऐप का इस्तेमाल जारी रखने के लिए आपको अपडेट को मानना होगा. अगर आप अकाउंट को डिलीट करना और ज्यादा जानकारी को चाहते हैं, तो आपको हेल्प सेंटर में जाना होगा.
नए अपडेट में जानकारी शेयर करने को लेकर डिटेल नई प्राइवेसी पॉलिसी में इस पर ज्यादा डिटेल मिलती है कि व्हाट्सऐप फेसबुक के साथ कैसे जानकारी को शेयर करता है, जो पहले के वर्जन में नहीं थी. थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स के बारे में व्हाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में अब अन्य फेसबुक कंपनियां आता है. और कैसे उनके साथ वे सर्विसेज को सपोर्ट देने के लिए काम करते हैं. इनमें तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर, डिलीवर और दूसरे सिस्टम उपलब्ध कराना, उनके लिए सर्वे और रिसर्च करना, यूजर्स और अन्य की सुरक्षा करना और कस्टम सर्विस का सहयोग करना शामिल है. व्हाट्सऐप ने साफ किया है कि वह थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर और दूसरी फेसबुक कंपनियों के साथ जानकारी इसी स्थिति में शेयर करता है.

क्यों व्हाट्सएप से बेहतर है सिग्नल एप?

Signal app को दुनिया के सबसे सिक्योर एप में से एक माना जाता है। यहां यूजर डेटा शेयर होने का खतरा नहीं है। सिग्नल एप यूजर्स से उनके पर्सनल डेटा को नहीं मांगता, जिस प्रकार फिलहाल व्हाट्सएप कर रहा है। यहां आपके चैट बैकअप को क्लाउड (ऑनलाइन स्टोरेज) पर नहीं भेजा जाता। यह डेटा आपके फोन में ही सेव रहता है। इस एप में Data Linked to You नाम का फीचर भी है, जिसका काम है कि कोई भी चैट मैसेजेस का स्क्रीनशॉट न ले पाए। एक और खास फीचर यह है कि यहां पुराने मैसेसेज खुद ही गायब हो जाते हैं। व्हाट्सएप की तरह यहां ग्रुप बनाकर कोई भी आपको नहीं जोड़ सकता। इसमें पहले इनवाइट भेजना पड़ता है। इसमें Relay Calls का फीचर भी है। इसके जरिए आपका कॉल Signal सर्वर से जाता है, जिससे सामने वाले कॉन्टैक्ट को आपके IP एड्रेस का पता नहीं चलता। आप इसमें PIN भी सेट कर सकते हैं, ताकि अकाउंट कोई और यूज ना कर सके। Signal ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से समझ लीजिए। Signal एक ऐसा ऐप है जो यूजर डेटा के नाम पर केवल लोगों से कॉन्टैक्ट नंबर लेता है। इस ऐप को दुनियाभर में जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट, पॉलिटिशियन्स, लॉयर्स और सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स भी बड़ी संख्या में इस्तेमाल करते हैं।

Signal App कौन-कौन सा एक्सेस लेता है?

गूगल प्ले-स्टोर एप पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सिग्नल आपके मैसेज का एक्सेस लेता है जिसमें मैसेज पढ़ने से लेकर मैसेज भेजने और उसे एडिट करना भी शामिल हैं। इसके अलावा कॉलिंग, कैलेंडर, फोन के मॉडल, लोकेशन, फोटो-मीडिया फाइल, कैमरा, माइक्रोफोन, स्टोरेज, वाई-फाई और इंटरनेट कनेक्शन का भी एक्सेस सिग्नल एप लेता है। सिग्नल के साथ सबसे अच्छी बात यह है वह किसी अन्य कंपनी के साथ आपका डाटा शेयर नहीं करता है। इसका जिक्र कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी में कहीं भी नहीं है। इसी वजह से सिगनल एप और टेलीग्राम एप को व्हाट्सएप से ज्यादा पसंद दी दुनिया भर में लोग दे रहे हैं अब आपको डिसाइड करना है कि आपको आपका पर्सनल डाटा व्हाट्सएप के हवाले करना है या आपको कुछ अल्टरनेट सिग्नल या टेलीग्राम एप डाउनलोड करना चाहिए कमेंट द्वारा बताएं। दोस्तों ऐसे ही लेटेस्ट अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहिए और शेयर करते रहिए nyaykagyan.blogspot.com साथ ही मेरे फेसबुक पेज लीगल अवेयरनेस टॉक बाय एडवोकेट अंकिता रा. जयसवाल पर विजिट करें मेरा Article आपको कैसा लगा कमेंट द्वारा बताएं।

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